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राजकपूर आज भले ही हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी कमाल की फिल्में और एक्टिंग आज भी दर्शकों के दिलों में बसती है. आवारा से लेकर श्री 420 तक और फिर वहां से शोमैन तक का उनका उम्दा सफर बेहद दमदार रहा.

राजकपूर सिर्फ एक्टर ही नहीं, बल्कि डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी थे. उन्हें भारतीय सिनेमा का शोमैन भी इसीलिए कहा जाता है क्योंकि जब भी वो किसी फिल्म से जुड़ते थे तो परफेक्ट करने के लिए उसमें डूब जाते थे. और बेस्ट हासिल करते थे.

राजकपूर की एक्टिंग में अलग-अलग रूप देखे गए. कभी उन्होंने मेरा नाम जोकर कर दर्शकों को रुलाया तो कभी जान पहचान फिल्म में कॉमेडी सीन करके दर्शकों को हंसाया. उनकी फिल्म बूट पॉलिश देखकर थिएटर्स में तालियां ही तालियां बजी थीं.

आवारा में तो उन्हें पसंद किया ही गया. उसके 4 साल बाद आई उनकी फिल्म श्री 420 में भी उन्हें अलग पहचान मिली. 1955 में आई इस फिल्म में उन्हें 420 से श्री 420 तक का सफर करते देखा गया जो काबिलेतारीफ था.

उन पर फिल्माया गया और मुकेश की आवाज में गाना मेरा जूता है जापानी सिर्फ इंडिया ही नहीं बल्कि रूस जैसे देशों में भी सुपरहिट हुआ था.

राज कपूर ने बॉबी, छलिया, संगम, अनाड़ी, सत्यम शिवम सुंदरम, जिस देश में गंगा बहती है जैसे फिल्मों के साथ ये दिखाया कि फिल्मों की कहानी को नए मिजाज के साथ कैसे पेश किया जाता है.

उनकी 100वीं जयंती पर पीएम मोदी ने भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि उन्होंने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर पहुंचाया है. पीएम ने राजकपूर की तारीफ में ये भी कहा कि वो सिर्फ एक फिल्म निर्माता ही नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक राजदूत भी थे.
Published at : 14 Dec 2024 08:59 PM (IST)
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